Zindagi
जो साथ देना चाहे उसका साथ छोड़ देती है,
पूछो रास्ता अगर तो दूर कहीं छोड़ देती है,
न कुछ बतलाती है, न पल भर भी रुकती है
खुद करो तय ये सफर, कान में फुसफुसा के बस इतना ही कहती है
ये ज़िंदगी है जनाब, हर रोज इंतेहान लेती है।
जो साथ देना चाहे उसका साथ छोड़ देती है,
पूछो रास्ता अगर तो दूर कहीं छोड़ देती है,
न कुछ बतलाती है, न पल भर भी रुकती है
खुद करो तय ये सफर, कान में फुसफुसा के बस इतना ही कहती है
ये ज़िंदगी है जनाब, हर रोज इंतेहान लेती है।
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